मदन चन्द्र भट्ट

मदन चन्द्र भट्ट (Madan Chandra Bhatt)

(माताः स्व. मनोरमा भट्ट, पिताः स्व. रामदत्त भट्ट)

जन्मतिथि : 13 जनवरी 1944 जन्म स्थान : बिशाड़

पैतृक गाँव : बिशाड़ जिला : पिथौरागढ़

वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 3 पुत्र

शिक्षा : पीएच.डी.

प्राथमिक शिक्षा- प्राइमरी पाठशाला बिशाड़

हाईस्कूल व इण्टर- रा.इ.का., पिथौरागढ़

एम.ए. (इतिहास)- डी.एस.बी. कालेज, नैनीताल

पीएच.डी.- आगरा विश्वविद्यालय

जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः 1983 में रामेश्वर एवं थलकेदार मंदिर समिति की स्थापना।

प्रमुख उपलब्धियाँ : 1. 1966 में टकाना रोड पिथौरागढ़ में सुमेरु संग्रहालय की स्थापना 2. उत्तराखण्ड के इतिहास पर नैनीताल, पौड़ी, कोटद्वार, श्रीनगर, गोपेश्वर और बदरीनाथ में ऐतिहासिक प्रदर्शनियों का आयोजन। 3. ‘हिमालय का इतिहास’ 1 और 2 का प्रकाशन, ‘कुमाऊँ की जागर कथायें’। 4. जाख गाँव में अपना पैतृक भवन सरस्वती शिशु मंदिर की स्थापना के लिए दान।

युवाओं के नाम संदेशः अपने गाँव में सहकारी समिति का निर्माण करें और अपनी वार्षिक आय का 10 प्रतिशत उसमें सदस्यता शुल्क के रूप में रखें। बिना दहेज और पांच बाराती वाली नवीन विवाह पद्धति अपनाएं।

विशेषज्ञता : इतिहास, पुरातत्व, भाषा साहित्य।

नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।

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